Kahani - सेब, घोड़ा और राजा
Updated: Mar 26

एक बार एक राज्य के राजा ने सोचा कि क्यों न राज्य में सर्वे किया जाए और यह पता लगाया जाए कि मेरा राज्य पुरुष प्रधान है या पत्नी प्रदान है अर्थ राज्य में लोगों के घरों में पुरुष की चलती है या पत्नी की चलती है।
दूसरे दिन राजा ने घोषणा करवा दी कि आज एक इनाम रखा गया है जिस घर में पुरुष की चलती है उसे इनाम में एक शानदार घोड़ा दिया जाएगा।और जिस घर में पत्नी की चलती है उसको इनाम में एक पक्का हुआ सेब दिया जाएगा
सभी नगरवासी इमंदारी से आए और अपने घर की परिधि के अनुसर अपना इनाम उठा कर ले जाए राजा को यह देखकर बहुत ही आचार्य हुआ की लगभाग सब नगरवासी सेब ही उठा कर ले जा रहे द कोई भी घोड़ा नहीं उठा रहा था राजा सोचने लगा क्या मेरे राज्य में सभी घरों में पत्नी की ही चलती है पुरुषों की कहीं नहीं चलती।
राजा यह सब सोच ही रहा था कि तभी एक मोटा तगड़ा लांबा चौदा नौजवान आया जिसकी बड़ी बड़ी मूचे थी।वह आया और घोड़ा लेकर जाने लगा राजा को यह देखकर खुशी हुई कि चलो राज्य में एक तो घर है जहां पुरुष की चलती है।
राजा ने खुश हो कर कहा जाओ अपने मनपसंद का कोई भी एक घोड़ा ले जाओ तो वह आदमी गया और एक ताकतवर जवान काला घोड़ा लेकर घर चला गया लेकिन राजा को यह देखकर बहुत ही ज्यादा आचार्य हुआ कि वह आदमी थोड़ी देर बाद वापस आया राजा ने पूछा क्या हुआ तो बोला पत्नी बोली काला रंग शुभ होता है चाहो और सफेद घोड़ा लेकर आ जाओ.
या देख कर राजा ने हंसते हुए कहा यह घोड़ा राखो और चुप चाप वहां से एक सेब उठा कर ले जाओ।
पूरा दिन गुजर गया सारे नगर वासी एक-एक सेब ही उठाकर गए शाम को पूरा दरबार खाली हो गया राजा जी भी अपने राज महल में चले गए तबी आधी रात को महामंत्री ने राजा जी के कक्ष का दरवाजा खटखटाया
राजा ने पूछा आओ महामंत्री कैसे आना हुआ?
महामन्त्री बोला महाराज आपने इनाम में सेब और घोड़ा ही क्यों रखा उसकी जगह अगर आपने अनाज रखा होता तो लोग कुछ दिन खा पाते अगर सोना रखा होता तो लोग उसका जेवर बनाकर पहंते।
तब राजा ने कहा मैं तो यही इनाम रखने वाला था लेकिन महारानी ने कहा सेब और घोड़ा राखो तो मैंने वहीं रखा.
महामंत्री "महाराज आपके लिए भी एक सेब काट दूं"
या सुनकर महाराज हंसने लगे और महामंत्री से पूछ यह बात तो आप कल मुझसे दरबार में भी पूछ सकते हैं इसके लिए आधी रात को यहां क्यों आए।
महामंत्री बोला मैं भी कल ही पूछना चाहता था लेकिन पत्नी ने कहा जाओ अभी पता करो पता तो चले माजरा क्या है
महाराज बोले तो महामंत्री जी आप सेब से यही खाएंगे या आपके लिए पैक करवा कर घर भिजवा दूं।
और दोनो ठहाका लगाकर जोर से हंस पड़े।