चींटी और टिड्डा: Hindi Kahani,प्रेरणादायक हिंदी कहानियां pdf
Updated: Mar 26
चींटी और टिड्डा: एक छोटी सी चींटी हर दिन काम करती थीऔर अपने घरके लिए खाना इकट्ठा करती थी।वह धीरे-धीरे एक बड़े ढेरमें अपने भोजनको संचित करती गई। अन्य तरह के कीट-पतंग चारों ओर घूम रहे थे और विभिन्न खेतों में अपने बचाव के लिए खोज कर रहे थे।
उनमें से एक टिड्डा भी थाजो हर समय नाचता फिरता था।वह चींटी को देखकर थोड़ा हंसा और उससे पूछा, "हे चींटी! तुम इतना काम क्यों करती हो? तुम्हारे पास इतने बड़े ढेर में खाने का सारा संचय हो गया है। अब तुम्हें आराम करना चाहिए।"
चींटी ने उसे देखा और कहा, "हाँ, मुझे अभीअपने भोजन को संचित करना चाहिए ताकि मैं बादमें उसे खासकूँ। वर्ना मुझे जीवित रहने केलिए खाने की कोई चीज नहीं मिलेगी।"
टिड्डा उसकी बात सुनकर हंसा औरउसे छोड़ करचला गया। धीरे-धीरे सर्दीआ गई और सभी प्राणी खाने की तलाश में निकल पड़े।
टिड्डा को उस दिन खाने केलिए कुछ नहीं मिला और वह भूख से तड़पकर मर गया।इसी बीच, चींटीअपने बचाव के सारे भोजन कोखा गई थी और अब उसेकोई भी चिंता नहीं थी।
इस कहानी का मूल उद्देश्य है कि हमें अपनी आवश्यकताओं के लिए समय पर काम करना चाहिए। अगर हम अपने काम कोटाल देंगे और सुख-समृद्धि केदिनों में आरामकरेंगे, तो दुख-दर्द केसमय में हमारे पास कुछ नहीं होगा।