Dinesh Choudhary
Mar 16, 20232 min
Updated: Mar 26, 2023
एक बार की बात है, एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी और एक अच्छे स्वभाव वाला सारस रहता था। वे दोनों पड़ोसी थे। एक दिन, लोमड़ी ने सारस का मज़ाक बनाना अपना मनोरंजन करने के लिए एक शरारती योजना बनाई। उसने सारस को अपने घर भोजन पर आमंत्रित किया। सारस ने सहर्ष निमंत्रण स्वीकार कर लिया। अगले दिन, सारस रात के खाने के लिए लोमड़ी के यहाँ अच्छी भूख के साथ पहुँचा। ऊँचे ये देख कर बहुत निराशा हुई की, लोमड़ी ने दो सपाट प्लेटों पर सूप परोसा। लोमड़ी और सारस सारस की चोंच सपाट पकवान से सूप खाने के लिए बहुत लंबी और नुकीली थी। वह बस इतना कर सकती थी कि अपनी चोंच के सिरे को गीला कर दे, जबकि लोमड़ी अपनी थाली में सारे सूप को बड़े चाव से चाट रही थी। बेचारा सारस कुछ नहीं बोला और उस रात भूखा ही घर चला गया। एक हफ्ते बाद सारस ने लोमड़ी को अपने घर खाने पर बुलाया और उसने निमंत्रण स्वीकार कर लिया। जब लोमड़ी आई तो सारस ने दो लंबे पतले गले वाले जार में दोपहर का भोजन परोसा। लोमड़ी और सारस इस बार सारस ने लंबी पतली गर्दन वाले जार में अपनी चोंच डाली और उसके द्वारा तैयार की गई स्वादिष्ट मछली को खाया, लेकिन लोमड़ी केवल जार के किनारे को चाट सकती थी और स्वादिष्ट सुगंध को सूंघ सकती थी। उसकी चौड़ी थूथन पतली गर्दन वाले जार के अंदर फिट नहीं हो पा रही थी। लोमड़ी को इस बार भूखा और अपमानित होकर घर जाना पड़ा।